My Filmi Life
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लकी भैंस और किसान lucky buffalo and farmer Hindi kahaniya हिंदी कहानियां Story in hindi
किसान की ईमानदार, चतुर और किस्मतवाली भैंस Farmer' s honest, clever and lucky buffalo.
शरद जैसे तैसे वैभव की तारीफ करता है और उसे खुश करता है और 5000₹ मांगता हैं वैभव खुश होकर शरद को पैसे दे देता है शरद उन में से 100₹ नितिन को दे देता है और बाकि के पैसों से नितिन ने बताई हुई आइडिया को आजमाता है।
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जादुई पंछी और किसान। magic bird and farmer. magic bird 🐦
"plese मुझे छोड़ दो" चिड़िया गणेश से कहती है तुम मुझ से डर क्यो रहे हो? गणेश कहता है "तुम भूत हो" चिड़िया हसती है और कहती है किसने कहा़ तुमसे की मैं भूत हूँ? गणेश कहता है अगर तुम भूत नहीं होती तो कैसे बोल पाती? तुम तो एक चिड़िया हो ना? चिड़िया कहती है हाँ-हाँ मैं एक चिड़िया ही हूँ पर मैं कोई मामूली चिड़िया नहीं हूँ बल्कि मैं एक जादुई चिड़िया हूँ यह सुनकर गणेश का डर थोड़ा कम होता है फिर गणेश कहता है अगर तुम जादुई चिड़िया होती तो मेरे खेत में कैसे रहती और तुमने अपने लिए जादू से खाना क्यों नहीं मंगाया फिर चिड़िया कहती है मैं सिर्फ़ अपने जादू से दूसरों की मदद कर सकती हूँ और मन के अच्छे और सच्चे लोगों की ही मदद कर सकती हूँ गणेश को अब उस चिड़िया पर पूरा भरोसा आ जाता है। चिड़िया गणेश से कहती हैं तुम कल रो क्यों रहे थे?
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कुछ दिन बाद...
Jadui पेड़ | magic tree
जादुई पेड़ की कहानी!
रामपुर नाम के गाँव में राजेश नाम एक गरीब लड़का रहता था वह बहुत ही ईमानदार था। राजेश गरीब होने के कारण पढ़ाई नहीं कर पाता था क्योंकि उसके पास पढ़ाई के लिए पैसे नहीं थे इसलिए वह अपने घर का ख़र्चा निकाल ने के लिए जंगल में जाकर लकड़ी तोड़ता था।
"है मनुष्य अगर तुझे खाना चाहिए तो मुझसे एक वादा कर की तू मेरा यह राज किसी को नहीं बताएगा तू मुझसे जो मांगेगा मैं तुझे दूंगा अगर तूने यह राज किसी को बताया तो मेरी सारी जादुई शक्ति चली जायगी और मैं एक आम पेड़ में बदल जाऊंगा"
राजेश ने कहा ठीक है मैं तुम्हारा राज किसी को नहीं बताऊंगा उसने यह कहते ही उसके पास वह गरम खाने की थाली आ गई थाली आते ही राजेश ने पेठ भर के खाना खाया। सुबह होते ही राजेश अपने घर चला गया।
अगले दिन राजेश फिर से उसी जंगल गया और उस अद्भुत जादुई पेड़ को ढूँढने लगा लेकिन उसे वह पेड़ कही भी नज़र नहीं आया उसे लगा रात वाला पेड़ कोई जादुई नहीं था बल्कि उसका सपना था यह सोच कर वह अपने काम पर लग गया और अपना काम पूरा कर के घर के लिए निकल ने ही वाला था तभी उसे ज़ोर से आवाज़ आई "राजू" राजेश ने पीछे देखा तो क्या वही रात वाला जादुई पेड़ था और वह समझ गया कि जादुई पेड़ सपने में नहीं बल्कि असलियत में है।
पेड़ ने बोला राजू आज कुछ नहीं मांगोगे राजू बोला, नहीं आज मैं कुछ नहीं मांगूंगा राजेश के इतना बोलते ही ज़ोर से आवाज़ आई और वह पेड़ एक देवदूत के रूप बदल गया यह देखकर राजेश बहुत ही हैरान हुआ और वहांसे भागने लगा देवदूत बोला "राजू रुक जाओ डरो नहीं मुझसे मेरी बात सुनो" राजू रुक गया और देवदूत से कहा़ कौन हो तुम पहले पेड़ थे और अब इंसान का रूप!
देवदूत बोला राजू पहले तुम शांत हो जाओ मैं तुम्हें सब बताता हूँ और देवदूत अपनी कहानी सुनाने लगा देवदूत बोला एक दिन गुस्से में आकर मैंने एक हरे भरे पेड़ को काट डाला था इसलिए देवराज इंद्र ने मुझे श्राप दिया था कि मैं एक पेड़ के रूप में बदल जाऊँ। मैने क्षमा मांगने पर उन्होंने मुझ से कहा की मैं अपना श्राप तो वापस नहीं ले सकता पर तुम्हे मुक्ति का मार्ग ज़रूर बता सकता हूँ और उन्होंने मुझे जादुई शक्ति दी जिस से मैं दूसरो की इच्छा पूरी कर सकू और उन्होंने मुझे यह भी बताया की अगर किसी को पता चला की तुम एक जादुई पेड़ हो और उसके बावजूद वह तुमसे कुछ नहीं चाहता तो तुम इस श्राप से मुक्त हो जाओगे।
देवदूत बोला राजू तुम जानते थे कि मैं एक जादुई पेड़ हूँ और उसके बावजूद भी तुम ने मुझ से कुछ नहीं मांगा इसी वज़ह से मैं पेड़ से देवदूत के रूप में बदल गया और राजेश को उसने अपनी तरफ़ से ढेर सारा सोना चांदी और उसे आशीर्वाद दिया और जाते-जाते राजेश का शुक्रिया करने लगा और स्वर्ग लोक चला गया राजेश भी खुश होकर अपने घर गया और उसने कुछ पैसों से अपना घर बनाया और कुछ पैसे गरीब लोगों में बांट दिए इसके साथ-साथ राजेश लकड़ी तोड़ना बंद करके वह पढ़ाई करने लगा और उस देवदूत को मन ही मन में धन्यवाद करने लगा।🧑💼