किसान की ईमानदार, चतुर और किस्मतवाली भैंस Farmer' s honest, clever and lucky buffalo.
यह कहानी है शरद और शारदा की एक किसान और भैंस की किसान के ईमानदार, चतुर और किस्मतवाली भैंस की।
पगलापुर नाम के गाँव में शरद नाम का एक ईमानदार किसान रहता था। शरद बहुत ही गरीब किसान उसके पास पैसों की बहुत ही कमी थी उसके पास पैसों की कमी होने के कारण वह आपने घर का ख़र्चा भी नहीं निकाल पा रहा था और वहाँ खेत मैं कभी अच्छी बारिश नहीं होती थी और अगर बारिश आ जाए तो लगातार 15-20 दिन होती थी और इसके कारण शरद की सारी मेहनत बर्बाद हो जाती थी। शरद को अब कुछ भी समझ नहीं आ रहा था की अब वह क्या करे शरद बहुत ही चिंतित हो जाता है लेकिन उसे कोई भी रास्ता नहीं दिखता जिससे वह अपनी ग़रीबी दूर कर सके।
एक दिन अचानक शरद को अपने चतुर दोस्त नितिन की याद आती है जो की एक दुकानदार होता है और नितिन के पास हर रोज़ कई कस्टमर आते है। नितिन बहुत ही चालाक इंसान होता है और वह अपने कस्टमर से बाते करता रहता है और उनसे यह पूछता रहता है कि वह कोन-सा बिजनेस करते है इसके कारण नितिन के पास बहुत सारी आइडिया होती है जिससे पैसे कमाए जाते है
शरद नितिन के पास चला जाता है और नितिन को अपनी परेशानी बताने के बाद नितिन से पूछने लगता है कि अब वह क्या करे नितिन थोड़ा सोचने लगता है।
वैभव की एक सबसे बड़ी कमजोरी यह होती है कि जब कोई भी व्यक्ति वैभव की तारीफ करता वह बहुत खुश होता है और उस इंसान को जो चाहिए वह दे देता है यह कमजोरी शरद को पता होती है।
शरद जैसे तैसे वैभव की तारीफ करता है और उसे खुश करता है और 5000₹ मांगता हैं वैभव खुश होकर शरद को पैसे दे देता है शरद उन में से 100₹ नितिन को दे देता है और बाकि के पैसों से नितिन ने बताई हुई आइडिया को आजमाता है।
पांच साल बाद...
शरद जैसे तैसे वैभव की तारीफ करता है और उसे खुश करता है और 5000₹ मांगता हैं वैभव खुश होकर शरद को पैसे दे देता है शरद उन में से 100₹ नितिन को दे देता है और बाकि के पैसों से नितिन ने बताई हुई आइडिया को आजमाता है।
नितिन ने शरद को जैसे बताया था शरद वैसे ही करता हैं। शरद के पास अब 4900₹ बचते है। शरद उन में से 3500 का एक भैंस का बच्चा खरीद लेता हैं। अब शरद के पास 1400₹ बचते है उन पैसों से शरद उस भैंस के बछड़े को अच्छी-अच्छी खुराक लाता रहता है। शरद उस भैंस के बछड़े को अपने खेत ले जाता है। शरद अब उस बछड़े के साथ बहुत घुल मिल जाता है और उस बछड़े का नाम शारदा रख देता है उस बछड़े को भी वह नाम पसंद आ जाता है वह शरद की तरफ़ देखकर मधुर ध्वनि निकलता है।
शरद के पास जो भैंस का बच्चा था वह बड़ा होकर एक भैंस के रूप में बदल जाता है। अब शरद के खेत में अच्छी फ़सल आ जाती है। पहली बार शरद के खेत में ऐसी अच्छी फ़सल आ जाती है शरद समझ जाता ही की सब कुछ इस भैंस के कारण ही हो रहा है वह भैंस शरद के लिए लकी lucky साबित होती है।
शरद की अब दिन ब दिन तरक्क़ी होती ही जाति है। शरद अब बहुत ही खुश होता है उसके खुशिका ठिकाना ही नहीं रहता लेकिन कुछ लोगों को शरद की यह तरक्क़ी देखी नहीं जाति वह लोग समझ जाते है कि शरद की यह तरक्क़ी सिर्फ़ उस भैंस के कारण हो रही है इसलिए वह लोग शरद की भैंस को रात में चुराने की कोशिश करते है लेकिन शरद की भैंस बहुत ही चालक होती है जैसे ही वह लोग शरद की भैंस को चुराकर ले जा रहे होते है वह भैंस ज़ोर जोर से आवाज़ करने लगती है उस आवाज़ से शरद और शरद के घरवाले जाग जाते है और उन लोगों को पुलिस के हवाले कर देते है।
1 मिहिने बाद...
शरद को पोस्ट से एक चिट्ठी आती है जिस में शरद को उस नए खेत के टुकड़े में मोबाइल टॉवर लगवाने का ऑफर आता है। शरद को वह टावर अपने खेत में लगवाने के बाद हर महीने 50, 000₹ मिलने वाले थे। इसलिए शरद उस ऑफर को स्वीकार लेता है।
शरद अब बहुत ही अमीर हो जाता है और वह उस अमीरी के पीछे शारदा यानी की अपनी भैंस को समझता है।
शरद नितिन को भी thankyou बोलता है नितिन ने तो सिर्फ शरद को भैंस खरीद ने का आइडिया दिया था ताकि शरद उस भैंस के दूध से पैसा कमा सके पर शरद को वह भैंस लकी साबित होती हैं।
लकी भैंस शारदा!!