जादुई पंछी और किसान। magic bird and farmer. magic bird 🐦
रंगापुर गाँव में गणेश और मनोहर नाम के दो किसान रहते थे। गणेश बहुत ही गरीब था लेकिन गरीब होने के बावजूद भी वह एक ईमानदार इंसान था। लेकिन मनोहर बहुत ही अमीर था मनोहर को 50 एकड़ ज़मीन थी इसके बावजूद भी वह बहुत ही लालची स्वभाव का इंसान था।
वह गाँव में सबसे अमीर होने के कारण उसे अपने पैसे पर बहुत ही गर्व था। मनोहर अपने आप को गाँव का राजा🤴 समझता था उसे लगता था कि उसके जैसा अमीर इस गाँव में कोई भी नहीं हो सकता।
गणेश के पास सिर्फ़ 5 एकड़ ही ज़मीन थी और वह अपने खेत में पूरी ईमानदारी से मेहनत कर के अच्छा खासा मुनाफा लेता था। ऐसे ही कई साल चलता रहा।
एक दिन मनोहर के खेत में एक चिड़िया घोंसला बना देती है लेकिन मनोहर बहुत ही दुष्ट इंसान था। वह उस चिड़िया का घोंसला तोड़ देता है और चिड़िया को भगा देता है।
अब वह चिड़िया गणेश के खेत जाती है और अपना घोंसला बनाती है। गणेश को जैसे ही पता चलता है कि उसके खेत में चिड़िया ने घोंसला बनाया है वह हर रोज़ उस चिड़िया के लिए पानी और खाने के लिए कुछ दाने लाता रहता है।
इस साल गणेश के खेत में अच्छी फ़सल उगती है लेकिन मनोहर को यह देखकर बहुत जलन होती है इसलिए मनोहर रात को गणेश के खेत में जाकर उसकी आधी फ़सल कांट देता है।
अगले दिन गणेश जब अपने खेत जाता है तो उसे पता चलता है कि उसकी फ़सल किसीने कांट दी है इसलिए वह बहुत ही मायूस होता है फिर भी वह उस चिड़िया को पानी और खाना देना नहीं भूलता। चिड़िया को खाना देने के बाद गणेश एक पेड़ के नीचे बैठे हुए रो रहा होता है। गणेश के रोने की आवाज़ उस चिड़िया को सुनाई देती है वह चिड़िया तेजी से उड़कर गणेश के पास आ जाती है और गणेश से कहती है क्या हुआ गणेश तुम रो क्यों रहे हो गणेश को अपने कानो पर भरोसा ही नहीं आता और वह फिर से ज़ोर जोर से रोने लगता है फिर एक बार चिड़िया वहीं पूछती है कि गणेश क्या हुआ तुम क्यों रो रहे हो। गणेश घबरा जाता है और अपने खेत से भाग जाता है।
अगले दिन सुबह-सुबह गणेश खेत जाता है और उस चिड़िया को चुपके से देखने लगता है लेकिन उसे वह 🐦चिड़िया कहीं दिखाई नहीं देती है। गणेश मन में ही सोच रहा होता है कि वह चिड़िया चली गई तभी पीछे से अचानक ज़ोर से आवाज़ आती है "गणेश" ताभी गणेश पीछे देखता है और उसे वही चिड़िया दिखाई देती गणेश डर जाता है और बोलता है
"plese मुझे छोड़ दो" चिड़िया गणेश से कहती है तुम मुझ से डर क्यो रहे हो? गणेश कहता है "तुम भूत हो" चिड़िया हसती है और कहती है किसने कहा़ तुमसे की मैं भूत हूँ? गणेश कहता है अगर तुम भूत नहीं होती तो कैसे बोल पाती? तुम तो एक चिड़िया हो ना? चिड़िया कहती है हाँ-हाँ मैं एक चिड़िया ही हूँ पर मैं कोई मामूली चिड़िया नहीं हूँ बल्कि मैं एक जादुई चिड़िया हूँ यह सुनकर गणेश का डर थोड़ा कम होता है फिर गणेश कहता है अगर तुम जादुई चिड़िया होती तो मेरे खेत में कैसे रहती और तुमने अपने लिए जादू से खाना क्यों नहीं मंगाया फिर चिड़िया कहती है मैं सिर्फ़ अपने जादू से दूसरों की मदद कर सकती हूँ और मन के अच्छे और सच्चे लोगों की ही मदद कर सकती हूँ गणेश को अब उस चिड़िया पर पूरा भरोसा आ जाता है। चिड़िया गणेश से कहती हैं तुम कल रो क्यों रहे थे?
मैं एक गरीब किसान हूँ और मेरी फ़सल अच्छी थी पर किसीने मेरे खेत की आधी फ़सल कांट दी अब इस साल मेरे पास सिर्फ़ 50, 000 ही आएंगे उन पैसों से मैं अपना घर कैसे चलाऊ यह सब गणेश उस चिड़िया को बताता है। वह चिड़िया गणेश से कहती है तुम अपनी आंखे बंद कर लो और फिर गणेश जैसे ही आंखे खोलता है तो अचानक गणेश के सामने बहुत ही तेज रोशनी आ जाती है और फिर गणेश ने जो देखा उसे अपने आंखों पर विश्वास ही नहीं आता है क्योंकि उसके आगे पैसों से भरा हुआ बैग आ जाता है। चिड़िया बोलती है गणेश मुझे पता है तुम बहुत ही अच्छे और मन के सच्चे हो इसलिए मैं तुम्हे यह पैसों से भरा हुआ बैग दे रही हूँ। ऐसा कहकर चिड़िया फिर से अपने घोंसले में चली जाती है।
गणेश वह बैग अपने घर ले जाता है और इस पैसों से अपने लिए नया घर ले लेता है अब गणेश बहुत ही अमीर हो जाता है इसके बावजूद भी वह उस चिड़िया को खाना और पानी देना नहीं भूलता। गणेश एक सच्चा और अच्छा इंसान था इसलिए वह उन पैसों से गाँव के गरीब किसानो को भी मदद करता रहता है। गणेश की अमीरी देखकर मनोहर को बहुत जलन हो रही होती है और वह सोचता है कि इतना गरीब किसान अचानक इतना अमीर कैसे हुआ और वह गणेश पर नज़र रखने लगता है।
एक दिन गणेश जब अपने खेत में उस चिड़िया के पास जा रहा था तब मनोहर उसके पीछे जाने लगता है गणेश को भनक भी नहीं पड़ती की मनोहर उसके पीछे आ रहा है मनोहर गणेश के पीछे-पीछे उस चिड़िया तक पहुँच जाता है और गणेश को दूर से ही चुपके से देखने लगता है मनोहर उस चिड़ियाँ और गणेश को बाते करते हुए देखता है पहले तो मनोहर को कुछ सपने जैसा लगता है फिर वह अपने आप को संभालता है और अब मनोहर को गणेश की अमीरी का राज पता चल जाता है। जब गणेश घर जाता है तो मनोहर भी अपने घर चला जाता है और सोचने लगता है कि उस चिड़ियाँ को कैसे पकड़े लेकिन उसे कोई रास्ता नहीं दिखता जिससे वह उस चिड़िया को पकड़ पाए।
एक दिन रात को जब गणेश उस चिड़िया को खाना और पानी देकर आपस अपने घर चला आता है तब मनोहर गणेश के खेत में जाता है और उस चिड़ियाँ को पकड़ने लगता है। लेकिन वह उस चिड़िया को पकड़ नहीं पता इसलिए मायूस होकर अपने घर चला आता है अगली सुबह जब मनोहर अपने तिज़ोरी के पैसे गिन रहा होता है तब वह देखता है कि उसके तिज़ोरी में से 1000 रू गायब हो जाते है मनोहर को समझ में ही नहीं आता की उसके पैसे कहा गए उसे लगता है शायद पैसे चोरी हो गए यह सोचकर वह अपने काम में व्यस्त हो जाता हैं।
अगली सुबह वह फिर से पैसे गिन रहा होता है तब भी उसके 1000 रु कम होते है वह बहुत ही चिंतित हो जाता हैं और अपने घर की सिक्योरिटी बढ़ा देता है लेकिन अगली सुबह फिर से उसके 1000 रु कम होते है अब उसके है रोज़ 1000 रू गायब हो जाते है मनोहर को उस चिड़ियाँ पर शक आ जाता और वह भागते-भागते गणेश के खेत चला जाता है गणेश तब अपने खेत में ही होता है गणेश को समझ नहीं आता कि आज अचानक मनोहर उसके खेत में कैसे आ गया गणेश मनोहर से कुछ कहता उससे पहले मनोहर उस चिड़िया के घोंसले के पास जाता है उस चिड़िया से पूछता है "है जादुई चिड़िया क्या तुम मेरे पैसे चुरा रही हो" चिड़िया हँसकर बोलती है " है दुष्ट इंसान क्या मैं क्या तुम्हे चोर लगती हूँ? यह जो तुम पैसों की बात कर रहे हो वह तुम्हारे ही कर्मो का फ़ल है तुमने जो आज तक दुष्ट काम किए है उसकी ही सजा है तुम्हे अपने पैसे पर बहुत गर्व था ना तो जाओ हर रोज़ तुम्हारे तिज़ोरी में से 1000 रू गायब हो जाएंगे और गरीब लोगों के घर में चले जाएंगे।
मनोहर को अपने ग़लत कामों का बहुत ही पश्चाताप होता है और वह उस चिड़िया से क्षमा🙏🙏 मांगता है और अपने 1000 रू बचाने का उपाय मांगने लगाया है। वह चिड़ियाँ कहती है मैं तुम्हारे 1000 रू तो नहीं बचा सकती लेकिन हाँ मैं तुम्हारे 500 रू ज़रूर बचा सकती हूँ। चिड़िया कहती है तुम हर दिन अपने मर्जी से 500 रू गरीब लोगों में बांट दो अगर तुम ऐसा करते हो तो तुम्हारे 1000 रू गायब नहीं होंगे और तुमने जो पाप किए है वह भी कम हो जाएंगे ऐसा कहकर वह चिड़िया गायब हो जाती है।
अब मनोहर हर दिन 500 रू गरीब लोगों में बांट देता है अब मनोहर एक अच्छा इंसान बन गया अब वह गरीब लोगों की मदद करता रहता है अब रंगपुर गाँव एक खुशहाल 😎😎गांव के नाम से जाना जाता है। 🙏🙏🙏